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14 फरबरी ब्लैक डे: जानिए क्यों मनाया जाता है

14 फरबरी ब्लैक डे: जानिए क्यों मनाया जाता है?

पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में आज 6 साल हो गए. आज ही के दिन 14 फरबरी 2019 को ये घटना हुए थी।लेकिन आज भी वो दिन याद आने पर रोंगटे खरे हो जाते हैं CRPF के काफिले में एक अज्ञात गाड़ी ने टक्कर मार दी जिसमे भारी मात्रा में विस्फोटक भरे थे। जिसमे माँ भारती के 45 जवान शहीद हो गए। इसके बाद हमारे वायुसेना ने घुस कर मारा।

क्या है पुलवामा से जुड़ा मामला ?

आज के ही दिन 14 फरबरी 2019 को जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जिसमें 78  से अधिक सैन्य वाहन का काफिला चल रहा था जिसमे लगभग 2,547 सैनिक शामिल थे, उस समय एक अज्ञात गाड़ी  ने सीआरपीएफ काफिले पर आत्मधाती हमला किया, जिसमें 45 सैनिक शहीद हो गए है।

किसने कराया आत्मघाती हमला ?

पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली।यह विस्फोट इतना भनायक था कि काफिले में शामिल कई बसें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं, इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. इस आतंकी घटना ने पूरे देश को शोक और ग़ुस्से में डुबो दिया। हर जगह पाकिस्तान के खिलाफ हमले की मांग उठने लगी। पाकिस्तानी आर्मी चीफ और वहां के सरकार के पुतले जलने लगे। लोगो में बहुत ज्यादा आक्रोश था और सभी की उम्मीद सरकार और सेना पर टिक थी जो शहीद सैनिकों का बदला लेने के लिए एक जवाबी कार्यवाही का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे.

कैसे लिया सेना ने बदला ?

हमले के बाद 17 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं अपने दिल में वही आग महसूस करता हूं, जो आपके अंदर भड़क रही है. उन्होंने कहा सभी आंसुओं का बदला लिया जाएगा” और सशस्त्र बलों को “दुश्मन के खिलाफ प्रतिशोध की जगह, समय को तय करने की पूर्ण स्वतंत्रता दी गई है”

सेना ने पुलवामा आतंकवादी हमले की बदले की योजना बनाई और ठीक 12 दिन बाद, भारत ने 26 फरबरी की रात 3 बजे पाकिस्तान के बालाकोट पर जवाबी हवाई हमला किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस ऑपरेशन में लगभग 300 पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए। इस मिशन में मिराज 2,000 फाइटर जेट्स ने लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) को पार करके बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को धवस्त कर दिया था। भारतीय वायु सेना ने आतंकवादी शिविरों पर लगभग 1,000 किलोग्राम बम की बारिश की थी। ऑपरेशन इतनी गोपनीयता के साथ किया गया की इस ऑपरेशन के बारे में पाकिस्तान को भी चौंका दिया। इस ऑपरेशन की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री मोदी ने एनएसए अजित डोभाल को दी थी। उनके अलावा उस समय के वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने भी एयरस्ट्राइक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

विंग कमांडर अभिनन्दन ने पाकिस्तान को डराया

27 फरवरी 2019 को विंग कमांडर अभिनंदन ने अपने मिग-21 लड़ाकू विमान से पाकिस्‍तान के आधुनिक एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था। ये कोई मामूली घटना नहीं थी क्योंकि एफ-16 एक चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है जबकि मिग-21 तीसरी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है यानि तीसरी पीढ़ी ने चौथी पीढ़ी के विमान को मार गिराया, लेकिन पाकिस्‍तान ने इस घटना से साफ इनकार कर दिया कि उसका कोई जेट भारत ने मार गिराया गया। इस घटना में विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान का जेट दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया था और वे पीओके के एक गांव में गिरे जहाँ उन्हें  गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसके अगले दिन यानी 28 फरवरी 2019 को पाकिस्‍तान अभिनंदन को सही सलामत छोड़ने लिए तैयार हुआ, था.
भारत ने जैसे ही मिसाइलों को सीमा की तरफ घुमाया, तो पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी सेना के इरादे बदलने लगे इमरान खान लगातार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने के लिए कॉल कर रहे थे. जहां पहले पाकिस्तान अकड़ दिखा रहा था. फिर मिसाइलों का मुंह मोड़ते ही उसकी हेकड़ी निकल गई और वो बातचीत पर आ गया। ये सारा खुलासा पूर्व हाई कमिश्नर अजय बिसारिया ने अपनी नई किताब Anger Management: The Troubled Diplomatic Relationships Between India And Pakistan में किया है।

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